The intriguing pastimes of Durvasa Muni
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Binding | Paperback |
Size | 6.75" x 4.75" |
श्रीगौड़ीय वेदान्त समिति एवं तदन्तर्गत भारतव्यापी
श्रीगौड़ीय मठोंके प्रतिष्ठाता, श्रीकृष्णचैतन्याम्नाय
दशमाधस्तनवर श्रीगौड़ीयाचार्य केशरी
ॐविष्णुपाद अष्टोत्तरशतश्री श्रीमद्भक्तिप्रज्ञान केशव गोस्वामी महाराजके
अनुगृहीत
श्रीश्रीमद्भक्तिवेदान्त नारायण गोस्वामी महाराज
द्वारा सङ्कलित
दुर्वासा ऋषि- जिन्होने अम्बरीष महाराजको शाप दिया, श्रीमती राधिकाजीको वरदान दिया, द्वारकावासियोंको क्रोधित किया, तथा वे स्वयं कृष्ण एवं बलरामसे मोहित हुए। शिवजीके अंश अवतार दुर्वासा ऋषि एक महानतम भक्त हैं, जिन्होंने भगवान्की इच्छाओंको परम विचित्र (अटपटे) ठंगसे पूर्ण करनेके साथ-साथ ही बहुत-सी शिक्षाजनक लीलाएँ भी की है। इस पुस्तिकामें महर्षि दुर्वासाके इतिहासकी सोलह रोचक कथाएँ हैं जो कि सरल-सहज-बोधगम्य कहानीकी शैलीमें लिपिबद्ध हुई हैं।
विषय -सूची: निवेदन, महर्षि अत्रि एवं उनकी पत्नी अनुसूयाके पुत्रके रूपमें महादेवका दुर्वासाके रूपमें अवतरण , सत्ययुगमें महर्षि दुर्वासा एवं अम्बरीष-दुर्वासा उपाख्यान, त्रेतायुगमें महर्षि दुर्वासा (भगवान् श्रीरामचन्द्र एवं दुर्वासा ऋषि, महाराज श्वेतकि एवं दुर्वासा ऋषि, दुर्वासा ऋषिके विवाहका उपाख्यान, मुद्गल ऋषि एवं दुर्वासा ऋषि ), द्वापरमें महर्षि दुर्वासा (महर्षि दुर्वासाकी कृपासे कुन्तीको पुत्रोंकी प्राप्ति, दुर्वासा ऋषिके प्रति भगवान् श्रीकृष्णकी दया , दुर्वासा ऋषि द्वारा श्रीमती राधिकाको रन्धनमें सिद्धिका वरदान, दुर्वासा ऋषि द्वारा काम्यवनमें पाण्डवोंके निकट आ तथा श्रीकृष्ण द्वारा पाण्डवोंकी रक्षा, गोपियों द्वारा श्रीदुर्वासा ऋषिकी सेवा तथा दुर्वासाजी कर्ता अभिमानसे रहित, दुर्वासा ऋषि द्वारा श्रीकृष्ण एवं रुक्मिणीजीको वरदान प्रदान, मौषल-संहार-लीला और श्रीदुर्वासा ऋषि), ईशापुरमें स्थित दुर्वासा आश्रम. विष्णुपुरमें स्थित श्रीदत्तात्रेयजीका आश्रम, श्रीपराशर मुनि एवं उनके पुत्र श्रीवेदव्यासका आश्रम ।
The intriguing pastimes of Durvasa Muni – he who cursed Ambarisa Maharaja, he who blessed Srimati Radhika, he who incensed the residents of Dvaraka, he who was charmed by Krsna and Balarama – are bound to captivate all. This booklet, containing sixteen engaging narrations of the history of Maharsi Durvasa, is written in simple, story-tale style. In this way, it easily lends itself to drama and art and is sure to be a source of family delight.
TITLE: Maharishi Durvasa aur Shri Durvasa Ashram - Hindi
EDITOR: Srimad Bhaktivedanta Narayana Goswami Maharaja
PUBLISHER: Gaudiya Vedanta Prakashan
EDITION: Fourth, 2019
PAGES: 40, Illustrated
SHIPPING WEIGHT: 150 grams
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